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खबर - बाबूलाल सैनी

लक्ष्मणगढ़ । ग्राम घस्सू में एनएच 52 पर स्थित गोयंनका शिक्षा एवं शोध संस्थान में शनिवार  को इस्कॉन मंदिर उदयपुर के वैदिक शिक्षा व योग केंद्र के परियोजना निदेशक आचार्य मदन गोविंद दास द्वारा श्रीमद्भागवत गीता विषयक व्याख्यान दिया गया।

               यह जानकारी देते हुए एकेडमिक डीन डॉ एन रविंद्रन ने बताया कि आचार्य जी ने संस्थान की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत कार्मिकगण तथा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद के समान सभी बच्चों को बचपन से ही धार्मिक शिक्षा व ईश भक्ति प्रारंभ कर देनी चाहिए तथा पाठ्य विषयों के साथ-साथ श्रीमद् भागवत व भागवत गीता जैसे ग्रंथो का अध्ययन करना चाहिए। जैसे पेड़ का अस्तित्व जड़ से जुड़े रहने तक ही है उसी प्रकार मनुष्य जीवन का अस्तित्व तभी है जब वह भगवान रूपी जड़ से जुड़ा रहेगा । 

उन्होंने कहा कि कलयुग में अनेक बुराइयां हैं किंतु एक अच्छाई यह भी है कि इस युग में भगवान का नाम लेने मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप व कष्ट नष्ट हो जाते हैं ।आचार्य जी ने उपस्थित श्रोतागण को जीवन में खुश रहने का षोडश अक्षरों का महामंत्र भी बताया। इन्होंने शीघ्र ही पुनः आने तथा उद्बोधित करने का आश्वासन भी दिया।समारोह का संचालन बीएड कॉलेज के सहायक आचार्य राकेश पारीक द्वारा किया गया। समारोह में अकादमिक डीन और फार्मेसी कोलेज प्राचार्य डॉ एन रविंद्रन, बीएड कॉलेज प्राचार्य डॉ राकेश कुमार ,पब्लिक स्कूल के कार्यवाही प्राचार्य समीर जखोलिया, विभिन्न शाखाओ में कार्यरत प्रवक्तागण, शिक्षक गण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी बनी साक्षी, समस्त 52 घाटों पर हुई महाआरती

जयपुर। श्री पुष्कर मेला 2024 में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरोवर के समस्त 52 घाटों पर महाआरती और दीपदान कर रिकॉर्ड बनाया गया। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, जल संसाधन मंत्री  सुरेश सिंह रावत एवं मसूदा विधायक  वीरेंद्र सिंह कानावत ने जयपुर घाट पर पूजा अर्चना कर महाआरती की।


उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की उपस्थिति में सरोवर के समस्त 52 घाटों पर 5100 महिलाओं ने 51 हजार दीपदान एक साथ एक समान परंपरागत चुनड़ी वेशभूषा में कर रिकॉर्ड बनाया। इसकी घोषणा इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के डॉ. विनोद शर्मा के द्वारा की गई। इस रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र मौके पर सुपुर्द किया गया। 

पीसांगन, पुष्कर एवं अजमेर के ग्रामीण क्षेत्र की राजीविका स्वयं सहायता समूह, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं सहित 5100 महिलाएं घाटों पर उपस्थित रही। मुख्य आयोजन जयपुर घाट पर हुआ।

 यहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ  पवन कुमार राजऋषि,  रविंद्र गौड़, पंडित कैलाश नाथ दाधीच, चंद्रशेखर गौड़, चितरंजन राजोरिया आदि ने पूजा संपन्न करवाई। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राज्य की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम में नगाड़ा वादन एवं आतिशबाजी भी हुई।


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खबर - बाबूलाल सैनी
जयपुर। गलता जी तीर्थ में आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यज्ञ वेदी कुण्ड पर जिला प्रशासन द्वारा भव्य देव दीपावली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैंकड़ों श्रद्धालु मंदिर में उपस्थित थे। साथ ही,  विदेशी पर्यटकों ने भी उत्साह पूर्वक इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया व भारत की सनातन परंपरा से रूबरू हुए। इस अवसर पर गालव ऋषि जी मंदिर में पुष्प मालाओं से भव्य श्रृंगार किया गया और मंदिर में सुंदर सजावट भी की गई।

गालव ऋषि जी कुंड पर 5100 दीप प्रज्ज्वलित कर दीपदान किया गया। इस अवसर पर नगर निगम जयपुर हेरिटेज की मेयर  कुसुम यादव, आयुक्त नगर निगम हेरिटेज  अरुण हसीजा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जयपुर  आशीष कुमार सहित नगर निगम एवं देवस्थान विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे। मेयर द्वारा गालव ऋषि जी की आरती उपरांत कुंड पर दीपदान किया गया और आयोजन के उपरांत भक्तजनों को जिला प्रशासन द्वारा प्रसाद वितरित किया गया।

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खबर - बाबूलाल सैनी 

लक्ष्मणगढ़.  मुख्य डाकघर के पास श्री शनि देव नवग्रह मंदिर में मूर्तिप्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 17 नवंबर को आयोजित होगा। इससे पहले 16 नवंबर को मूर्ति पूजन हवन एवं रात्रि जागरण का आयोजन एवं 17 नवंबर को प्रातः  8:30 बजे कलश एवं शोभा यात्रा का आयोजन किया गया है मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रामस्वरूप सोमानी ने बताया कि कामाख्या लाल बाजोरिया चैरिटेबल ट्रस्ट शिलांग के मुख्य ट्रस्टी भगवती प्रसाद चंदा देवी बाजोरिया के आर्थिक सौजन्य से मंदिर का जिर्णोद्धार करवाया गया है महोत्सव को लेकर विद्वान पंडितों के नेतृत्व में बुधवार से यजमान गोविंद जाजोदिया सपत्नीक विधिवत पूजन प्रारंभ किया गया!

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खबर - बाबूलाल सैनी 

लक्ष्मणगढ़। श्री तिरुपति बालाजी मंदिर प्रभात फेरी मंडल की महिलाओं द्वारा नगर के सात मंदिरों में कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई गई।

             यह जानकारी देते हुए नितेश गौतम ने बताया कि विगत दो वर्षों से श्री तिरुपति बालाजी मंदिर प्रभात फेरी मंडल द्वारा यह उत्सव मनाया जाता है। मातृशक्ति द्वारा मंदिरों में दीपक प्रज्वलित कर ,भजन गाकर व दान पुण्य  कर ठाकुर जी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। उन्होंने बताया कि नगर के सात मंदिरों में  महिलाओं द्वारा दीप-दान किया गया। दीप-दान उत्सव श्री तिरुपति बालाजी मंदिर से प्रारंभ होकर, श्री सत्यनारायण भगवान मंदिर, श्री सीताराम जी मंदिर(खाटू की कुई), श्री नृसिंह भगवान मंदिर, श्री रघुनाथ जी बडा मंदिर, श्री विजय रघुनाथ बिदावत जी मंदिर व श्री सिद्धिविनायक मंदिर पर किया गया।देव दीपावली पर्व मनाए जाने पर श्री रघुनाथ जी के बडे मंदिर के महंत पूज्यनीय अशोक दास महाराज ने भक्तजनों को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर श्रीमती लक्ष्मी गौतम, रेखा शर्मा, सुनिता सैनी,सावित्री माटोलिया, अनिता शर्मा,मनोहर सैन, विद्या शर्मा,उषा चेजारा, सुनिता शर्मा,गीता सैनी, तुलसी सैनी, चन्द्रावल बिजारणियां, नमिता जाडीवाल, मुन्नी सैनी,सरोज सैनी, अनिता माटोलिया, अनिता सैनी,राधा सैनी, घ्रुव गौतम,मनु गौतम व नितेश गौतम उपस्थित रहे।

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गोविंदम में चल रहे श्रीमद् भागवत रसवर्षण का हवन एवं पूर्णाहुति के साथ समापन 
खबर - बाबूलाल सैनी 
सीकर 11 नवंबर। स्वर्गीय हरि बक्श, स्वर्गीय श्याम सुंदर बियाणी एवं परिवार की समस्त पुण्य आत्माओं की स्मृति में बियाणी परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत रसवर्षण का सोमवार को हवन एवं पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया। सुबह 10:00 बजे भागवत कथा के आयोजक दिनेश बियाणी ने सपरिवार हवन में आहुतियां दी। हवन के बाद श्रीमद् भागवत कथा में सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, श्री सुखदेव विदाई का वाचन किया गया। इसके बाद फूलों की होली खेली गई और महाआरती का आयोजन किया गया। महाआरती के तत्पश्चात कथा स्थल पर भागवत महाप्रसादी हुई जिसमें सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। श्री गोपीनाथ सेवा सदन गोविंदम में हुये इस आयोजन के समापन अवसर पर अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्रीजी महाराज ने कहां कि कथाओं का कभी समापन नहीं होता। कथाएं निरंतर चलती रहती है। 
आज यहां इसका समापन हुआ है, तो दूसरी जगह इसका शुभारंभ हो गया। उन्होंने कहा कि सीकर में हुई भागवत कथा के निमित्त बने दिनेश बियाणी साधुवाद के पात्र है। श्रीजी महाराज ने कहा कि संत समागम और कथाओं का गुणगान दुर्लभता से ही नसीब होता है। हर किसी को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं होता। सोमवार को हुई कथा के दौरान श्रीजी महाराज ने सुदामा और श्री कृष्ण भगवान की मित्रता का बड़े ही भावपूर्ण ढंग से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में सबसे श्रेष्ठ रिश्ता मित्रता का है। जिसे सच्चा मित्र मिल गया वह सबसे भाग्यशाली इंसान है। उन्होंने कहा कि मित्रता में कभी भी दगाबाजी नहीं करनी चाहिए। उनका कहना था कि खून के रिश्ते तो भगवान बनाता है, लेकिन मित्रता का रिश्ता हम स्वयं बनाते हैं। सच्चा मित्र वही है जो विपत्ति और संकट के समय मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा निर्धन होने के बावजूद भी द्वारकाधीश श्री कृष्ण से मिलने नहीं गए। जब उनकी पत्नी सुशीला को पता चला कि श्री कृष्ण भगवान उनके मित्र हैं तो उसने सुदामा को मिलने के लिए कहा। लेकिन सुदामा अपने मन में अपराधबोध पाले हुए थे जिसको लेकर वह श्री कृष्ण से मिलने के लिए संकुचित थे। लेकिन फिर भी पत्नी के कहने पर द्वारिका नगरी गए और श्री कृष्ण से मिले। श्री कृष्ण भगवान अपने मित्र सुदामा से मिलकर इतने भावुक हो गए कि उन्हें अपने सिंहासन पर बिठाकर पूरा मान सम्मान दिया तथा स्वयं सुदामा के चरणों में बैठ गए। यह सब सुदामा कि उस मित्रता का परिणाम था जिसमें लोभ, प्रलोभन बिल्कुल भी नहीं था और सुदामा ने कभी श्री कृष्ण के प्रतिनिष्ठा ने छोड़ी थी। श्रीजी महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति के लिए धनी और निर्धन जाति या समुदाय कुछ मायने नहीं रखता क्योंकि भगवान कभी किसी में भेद नहीं करते। भक्त को विश्वास होना चाहिए कि मैं जो भगवान को अर्पित करूंगा वे स्वीकार करेंगे भगवान तो सिर्फ भाव के भूखे होते हैं। भागवत कथा शुरू होने से पूर्व है व्यास पीठ पर अश्वनी दास जी महाराज, मनोहर शरण जी महाराज तथा चंद्रमा दास जी महाराज सहित बियाणी परिवार ने भागवत कथा की पूजा की और श्रीजी महाराज का स्वागत किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक दिनेश बियाणी ने सभी संत महात्माओं सहित आगंतुक अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अग्रवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामजीलाल अग्रवाल कोलकाता, अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आरटिया प्रदेश अध्यक्ष विष्णु भूत,व्यवसायी अमित चिराणिया, सुरेश शर्मा,महेंद्र तोदी, योगेश चितलांगिया, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के प्रदेश महामंत्री पत्रकार बाबूलाल सैनी, सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी, परमेश्वर शर्मा, भाजपा नेता बाबू सिंह बाजोर, सीकर भाजपा अध्यक्ष डॉ.कमल सिखवाल, भाजयूमो जिला अध्यक्ष स्वदेश शर्मा, राजकुमार जोशी तथा भाजपा प्रवासी प्रकोष्ठ राजस्थान के संयोजक श्री कुमार लखोटिया, घनश्याम खंडेलवाल व युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकुल खींचड़ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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खबर - अजय सिंह 

पहले दिन से पहाड़ी पर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं श्रद्धालु, मंदिर में अखंड दीप ज्योति प्रज्वलित होती है।

जोबनेर-  जयपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जोबनेर कस्बे के ऐतिहासिक पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता के मंदिर JOBNER JWALA MATA MANDIR में चैत्र नवरात्रि के पहले से ही दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। सवेरे से ही माता के भक्तों ने माता के दरबार में हाजरी दी ओर अपनी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद लिया। 9 दिनों तक मेले में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। मेले में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर पुजारियों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा व्यवस्था के लिए पुलिस जाब्ता लगाया गया है। वहीं साफ सफाई के लिए पालिका प्रशासन ने अपने सफाई कर्मचारियों को हर समय मुस्तैद रखे हुए हैं। दूर दराज से आने वाले माता के भक्तों की सेवा में भंडारे लगाकर सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। सभी समाज के लोग भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा में लगे हुए है। त्रिकोणाकार पर्वत की गोद में बने ज्वाला माता मंदिर में कामनाप्रद सिद्ध पीठ के रूप में भी पूजन की जाती है। चैत्र मास के नवरात्र मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। 


मंदिर में अखंड दीप ज्योति प्रज्वलित रहती है। माता के दरबार में हर रोज मंगल आरती एवं संध्या आरती गोधूलि बेला के साथ शंख ध्वनि व नोबत बाजा बजाया जाता है। मेले के दौरान यात्रियों के लिए नि:शुल्क भंडारे, जलपान की व्यवस्था कर स्थानीय लोग आदर सत्कार करते नजर आते हैं। चारों ओर लह लराते ध्वज, जागरण से श्रद्धा-भक्ति से सारोबार बना रहता है। पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता कामना प्रद सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। नवरात्रि पर देशभर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं। माता को विशेष सोलह श्रृंगार कर नौबत शंख वादन के साथ महा आरती की जाती है। माता के दरबार में अखंड दीप ज्योति हमेशा प्रज्वलित रहता है। पहाड़ी पर ज्वाला माता का मंदिर मूल रूप से चौहान काल में संवत 1296 में बनाया गया था। सन् 1600 के आसपास जगमाल पुत्र खंगार जोबनेर के प्रतापी शासक हुए, जो ज्वाला माता के परम श्रद्धालु थे। JOBNER JWALA MATA MANDIR


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चांदी की टकसाल -जयपुर स्थित प्राचीन महा लक्ष्मी मन्दिर में सोमवार को माता महा लक्ष्मी का जन्मदिन ,ओर फागोत्सव समारोह आयोजित किया गया जिसमे हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे माता जी को 56 भोग लगाया गया, शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया राजस्थान के कॉमेडी किंग श्री पन्या सेपट, ने भी अपनी हास्य व्यंग से भक्त ने मस्त होकर नाचे ,

मंदिर महंत  राजेन्द्र कुमार शर्मा ,विक्रम, कुमार शर्मा,विकास कुमार शर्मा ने माता महा लक्ष्मी की महा आरती की उसके बाद सभी भक्तो को भोजन प्रसादी ग्रहण करवाई 

1000 वर्ष प्राचीन महा लक्ष्मी जी से संतान सुख प्राप्त के लिए में भक्तो का तांता लगा रहा मान्यता है कि यहां पर आने से संतान प्राप्ति  की मनोकामना पूर्ण होती है

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मौलिक ब्रह्मांडीय ऊर्जा और शक्तिवाद के भीतर एक केंद्रीय देवता है, जो हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। ब्रह्मांड में व्याप्त गतिशील शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हुए, शक्ति स्त्री ऊर्जा का प्रतीक है और अक्सर इसे शिव की पत्नी यानि माता पार्वती के रूप में चित्रित किया जाता है। भगवान शिव को महादेव कहा जाता है और माता पार्वती को शक्ति।  पार्वती शक्ति की देवी हैं, और साहस, उर्वरता और सुंदरता से भी जुड़ी हैं। उन्हें आमतौर पर उमा और गौरी के नाम से जाना जाता है। वह संहारक देवता शिव की पत्नी और हिमवान की बेटी हैं। आपको बतादे की हिन्दू धर्म में स्त्री को शक्ति मन जाता है कहत है जहाँ शिव है वहां शक्ति है , शक्ति के बिना शिव अधूरे है , पुरुष की शक्ति हिन्दू धर्म में महिला को कहा गया है , हर स्त्री शक्ति है। 

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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खबर - सुनीता शर्मा 

राजकोट के रणछोड़दास बापू आश्रम के सहयोग से आयोजित भंडारे में सैंकड़ों संतों ने जयकारों के साथ ग्रहण की प्रसादी।

श्री कृष्णदास पयोहारी जी महाराज एवं रणछोड़दास जी महाराज को समर्पित हुआ आयोजन।

जयपुर - उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि श्री गलता जी में गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में आज छठ को भव्य सन्त भंडारे का आयोजन किया गया।

श्री गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि श्री गलता पीठ में गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में श्री गलता गादी के संस्थापक आचार्य श्री कृष्णदास पयोहारी जी महाराज एवं सन्त श्री रणछोड़दास जी को समर्पित कर भव्य सन्त भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जयकारों के साथ सैंकड़ों संतों ने प्रसादी ग्रहण की। राजकोट के रणछोड़दास बापू आश्रम के सहयोग से भण्डारे का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर साधु-संतों का भेंट आदि से बहुमान सम्मान किया गया।


Galtaji Temple, Jaipur

Galtaji Temple

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साभार -गोकुल मुरारका 

कोलकाता -इस आध्यात्मिक आयोजन के प्रधान वक्ता मास्टरजी राजेश कामरा थे | उन्होंने कहा कि दक्षिणेश्वर मंदिर (Dakshineswar Kali Temple) के प्रांगण में श्री रामकृष्ण और माँ शारदा के द्वारा लोगों को एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है । उन्होंने लोगों को जीवन में तनाव कम करने के कई उपाय बताये और पूजा करने आए श्रद्धालुओं से ज्ञानवर्धक चर्चाएँ भी साझा की जिससे उन्हें जीवन में आनेवाली कई परेशानियों में मदद  व अपना भविष्य बेहतर बनाने में सहयोग मिलेगा ।  राजेश कामराजी ने अपने प्रवचन में कहा कि मोह- माया मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी है  कार्यक्रम में दक्षिणेश्वर मंदिर के ट्रस्टी एवं सचिव कुसल चौधरी  मौजूद थे  उन्होंने मास्टरजी का अंग- वस्त्र और माल्यार्पण द्वारा सम्मान किया ..

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फुजैराह एवं यू. ए. ई. की उन्नति, सुख-शान्ति व समृद्धि की कामना की।


उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि श्री गलता जी में फुजैराह के प्रिंस ने दर्शन किये। यू. ए. ई. के फुजैराह के प्रिंस श्री मोहम्मद बिन हमद बिन मोहम्मद अल शर्की ने गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज से आशीर्वाद लिया एवं फुजैराह के मंगल की कामना की। तत्पश्चात श्रीनिवास भगवान के समक्ष फुजैराह एवं यू. ए. ई. की उन्नति, सुख-शान्ति व समृद्धि की कामना की। गलतापीठाधीश्वर स्वामी श्री गलता पीठ के युवाचार्य स्वामी राघवेन्द्र ने प्रिंस को श्री गलता जी स्थित सभी मंदिरों के दर्शन करवाये। प्रिंस ने प्राचीन हनुमान मंदिर व अखण्ड ज्योति के दर्शन भी किये। गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज ने प्रिंस एवं उनके साथ आये अन्य दर्शानार्थियों को प्रसाद दिया।

इसके पश्चात प्रिंस युवाचार्य स्वामी राघवेन्द्र के साथ सूर्य कुण्ड पर गए एवं पवित्र गालव गंगा के दर्शन किए।

प्रिंस लगभग आधे घण्टे श्री गलता जी में रहे, यहाँ के इतिहास व आध्यात्मिक महत्व को जानकर अत्याधिक प्रभावित हुए। 

इस अवसर पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।


उल्लेखनीय है श्री गलता पीठ सैंकड़ों वर्षों से विश्व भर के राजा-महाराजाओं, राष्ट्राध्यक्षों, राजदूतों की आस्था का केन्द्र रहा है एवं समय-समय पर राष्ट्रों एवं विश्व के कल्याणार्थ राष्ट्रप्रमुख यहाँ आते रहे हैं।