
"Shri Katasraj Dham Pilgrimage"
पाकिस्तान स्थित प्राचीन और ऐतिहासिक तीर्थस्थल श्री कटासराज धाम की तीर्थयात्रा पर गए भारतीय हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था 2 मार्च 2025 को सफलतापूर्वक स्वदेश लौट आया। ये जत्था 24 फरवरी 2025 को पाकिस्तान गया था। यह जत्था श्री दुर्ग्याणा तीर्थ, अमृतसर से पाकिस्तान के भगवान शिव भोलेनाथ की पावन धरती श्री कटासराज धाम के दर्शन के लिए रवाना हुआ था। इस यात्रा में 110 हिंदू श्रद्धालु शामिल थे, जिन्होंने इस पवित्र स्थल पर जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की।
Shri Katasraj Dham Pilgrimage – A Sacred Journey of Faith
तीर्थ यात्रा का आयोजन और नेतृत्व
इस यात्रा का आयोजन श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा (पंजाब) ने किया था, और इसके संयोजक के रूप में श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के प्रधान डॉ. देशबंधु ने तीर्थयात्रा की सफलतापूर्वक संचालन का मार्गदर्शन किया।
तीर्थयात्रा के आयोजन में पं. ऋभुकान्त गोस्वामी जी ने अहम भूमिका निभाई। यात्रा के शुरुआत से पहले श्रद्धालुओं को श्री दुर्ग्याणा तीर्थ की अध्यक्ष प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला ने शिव भोलेनाथ के जयकारों के साथ रवाना किया। यात्रा का मुख्य उद्देश्य श्री कटासराज धाम के पवित्र स्थल पर जाकर भगवान शिव की आराधना और पूजा करना था।
श्री कटासराज धाम में श्रद्धालुओं की यात्रा
श्री कटासराज धाम महाभारत काल से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक स्थल है, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। यह स्थल भगवान शिव से संबंधित महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है। तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने श्री कटासराज धाम के पवित्र सरोवर में स्नान किया और वहां भगवान शिव की पूजा अर्चना की। इसके अलावा, महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की विशेष पूजा की गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने भव्य रूप से भाग लिया।
पाकिस्तान के वक्फ बोर्ड ने इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा था। यात्रा के दौरान पाकिस्तान में स्थित अधिकारियों ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
लाहौर और महाराज लव की समाधि
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने लाहौर स्थित प्राचीन शाही किले में भगवान रामचंद्र जी के पुत्र महाराज लव की समाधि पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहां आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में भाग लिया और भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इसके बाद, श्रद्धालु लाहौर स्थित श्री कृष्ण मंदिर गए, जहां पर एक भव्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और अपने आस्था के प्रतीक भगवान कृष्ण के दर्शन किए।
श्रद्धालुओं के अनुभव और आभार
यात्रा में शामिल कुछ श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा के अनुभव को साझा किया। देव दत्त शर्मा, बालेश शर्मा, संजीव कुमार (अम्बाला) और हेमंत शर्मा (दिल्ली) ने बताया कि यह यात्रा उनके लिए एक ऐतिहासिक अवसर था। उन्होंने भगवान शिव के चरणों में 95 साल पुरानी भस्म चढ़ाई और यात्रा के दौरान पूजा सामग्री के रूप में दूध, दही, पंचामृत, बिल्वपत्र, धूप, अगरबत्ती आदि साथ लेकर गए थे। उन्होंने भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तीर्थ स्थल पर जाकर उनकी यात्रा पूर्ण रूप से सफल और सुखद रही।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा (पंजाब) के प्रधान डॉ. देशबंधु और पं. ऋभुकान्त गोस्वामी जी का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने इस ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन किया और श्रद्धालुओं को इस पवित्र स्थल पर जाने का अवसर प्रदान किया।
Strengthening India-Pakistan Relations Through Religion
भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की उम्मीद
पं. ऋभुकान्त गोस्वामी जी ने इस यात्रा के सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस तीर्थ यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद है और लोगों के बीच अधिक संवाद और आपसी समझ बढ़ेगी। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच एक साझा सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को महसूस करने का एक अद्भुत अवसर भी थी।
इस तीर्थ यात्रा ने यह संदेश भी दिया कि धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से हम दोनों देशों के बीच सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा दे सकते हैं।