अब, स्वामी आनंद स्वरूप ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि महाकुंभ में हर्षा रिछारिया जैसी कई लड़कियां आई थीं। स्वामी ने यह भी बताया कि हर्षा ने दो साल से मीडिया में खुद को साध्वी के रूप में प्रस्तुत किया था, लेकिन जब उन्हें हकीकत का पता चला, तो उन्होंने उसे रोकना अपना कर्तव्य समझा। स्वामी ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने हर्षा को सही रास्ता दिखाने के लिए ऐसा किया और इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है। उनका कहना था कि अगर भविष्य में कोई और भी ऐसा करेगा, तो वह उसी तरह से प्रतिक्रिया देंगे।