🕉श्री हरिराम बाबा नमः
🗓दैनिक पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, १६ मई २०२२🌻
सूर्योदय: 🌄 ०५:३५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५७
चन्द्रोदय: 🌝 १९:२८
चन्द्रास्त: 🌜❌️❌️❌️
अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय
ऋतु: 🌞 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (नल)
मास 👉 वैशाख
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (०९:४३ तक)
नक्षत्र 👉 विशाखा (१३:१८ तक)
योग 👉 वरीयान् (०६:१८ तक)
प्रथम करण 👉 बव (०९:४३ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२०:०६ तक)
॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 वृष
चंद्र 🌟 वृश्चिक (०७:५३ से)
मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:४१
अमृत काल 👉 २५:२८ से २६:५४
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 १३:१८ से २९:२२
विजय मुहूर्त 👉 १४:३० से १५:२५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५० से १९:१४
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०४ से २०:०६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३४
राहुकाल 👉 ०७:०५ से ०८:४८
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३१ से १२:१३
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (०९:४३ से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर ०७:५४ से)
शिववास 👉 श्मशान में (०९:४३ से गौरी के साथ)
☄चौघड़िया विचार☄
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - अमृत २ - काल
३ - शुभ ४ - रोग
५ - उद्वेग ६ - चर
७ - लाभ ८ - अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - चर २ - रोग
३ - काल ४ - लाभ
५ - उद्वेग ६ - शुभ
७ - अमृत ८ - चर
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा
संकलनकर्ता : गोवत्स पंडित मोहित मुदगल
वक्ता नानी बाई रो मायरो
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