༺꧁ mhakal82꧂༻
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🕉🕉🕉 आज का पंचांग 🕉🕉🕉
विक्रम संवत :- 2077 { शार्वरी }
दिनाँक -:-04/11/2020,बुधवार
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष ~~कार्तिक माह
तिथि चतुर्थी 29:14:04 तक
कृष्ण पक्ष
मृगशीर्षा नक्षत्र 28:49:51
शिव योग 30:54:14
बव करण 16:22:04
बालव करण 29:14:04
✴️✴️✴️*विशेष जानकारी✴️✴️✴️
✳️करवा चौथ व्रत:-04/11/202:-बुधवार
💥 आश्विन ~ महा
वृषभ राशि चन्द्र 15:42:19
मिथुन राशि चन्द्र 15:42:19
तुला राशि सूर्य
शरद ~~~~ रितु
आयन ~~~ दक्षिणायण
शाका संवत ~~ 1942
जयपुर
सूर्योदय समय ~ 06:46:39
सूर्यास्त समय ~ 17:47:50
दिन काल ~ 11:01:11
रात्री काल ~ 12:59:29
चंद्रोदय समय ~ 20:30:03
चंद्रास्त समय ~ 09:49:38
लग्न ~ तुला 17°56',197°56'
सूर्य नक्षत्र ~ स्वाति
चन्द्र नक्षत्र ~ मृगशीर्षा
नक्षत्र पाया ~ लौह
♠️♠️ पद, चरण ♠ ♠️
1 वे ~~~मृगशीर्षा 09:06:20
2 वो~~~ मृगशीर्षा 15:42:19
3 का ~~~मृगशीर्षा 22:16:52
4 की~~ मृगशीर्षा 28:49:51*
♦♦ मुहूर्त शुभ ,अशुभ ♦◆
राहू काल ~~~12:17 - 13:40■ अशुभ
यम घंटा~~ 08:09 - 09:32 ■अशुभ
गुली काल~~~ 10:55 - 12:17
अभिजित~~~ 11:55 -12:39 ■अशुभ
दूर मुहूर्त ~~~~11:55 - 12:39■ अशुभ
💥 नोट-- चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि 01:30:00 घंटा होती है।
💥 दिन का चोघडिया
लाभ ~~~06:47 - 08:09 ★शुभ
अमृत ~~08:09 - 09:32 ★शुभ
काल~~~ 09:32 - 10:55■ अशुभ
शुभ~~~ 10:55 - 12:17★ शुभ
रोग ~~~~12:17 - 13:40 ■अशुभ
उद्वेग ~~~13:40 - 15:03 ■अशुभ
चर~~ 15:03 - 16:25 ★शुभ
लाभ ~~~16:25 - 17:48 ★शुभ
💥 रात का चोघडिया,
उद्वेग~~~ 17:48 - 19:25 ■अशुभ
शुभ ~~~~19:25 - 21:03 ★शुभ
अमृत~~~ 21:03 - 22:40★ शुभ
चर ~~ 22:40 - 24:18* ★शुभ
रोग~~~24:18* - 25:55* ■अशुभ
काल ~~~~25:55* - 27:32* ■अशुभ
लाभ~~ 27:32* - 29:10* ★शुभ
उद्वेग ~~~~29:10* - 30:47*■ अशुभ
💥 दिशाशूल ज्ञान ✈✈✈ ★उत्तर ★
परिहार-: आवश्यक कार्य हो ओर उसी दिशा की तरफ यात्रा करनी पड़े, जिस दिन वहाँ दिशाशूल हो तो यह उपाय करके यात्रा कर लेनी चाहिए –
रविवार – दलिया और घी खाकर
सोमवार – दर्पण देख कर।
मंगलवार – गुड़ खा कर।।
बुधवार – तिल, धनिया खा कर 💠✳️✴️
गुरूवार – दही खा कर
शुक्रवार – जौ खा कर
शनिवार – अदरक अथवा उड़द की दाल खा कर
*यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुँचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। दिशाशूल का ज्ञान होने से व्यक्ति मार्ग में आने वाली बाधाओं से बच सकता है |
*दिशा शूल ले जाओ बामे, राहु योगिनी पूठ |
सम्मुख लेवे चंद्रमा, लावे लक्ष्मी लूट||*
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पंडित :- भानुप्रकाश शर्मा
सम्पर्क :- 8233231767
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महाकाल ज्योतिष, जड़ाऊ मेड़ता, नागौर(राज.)I