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यह सूर्य ग्रहण  आषाढ़ मास में घटित हो रहा है।
जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष पं. अभिमन्यू पाराशर, व  पं. गोविंदराम शर्मा ने बताया कि
ग्रहण एक खगोलीय घटना है ,
भारत में यह ग्रहण पूर्ण रुप से दिखाई देगा ।
इसका सूतक 20 जून की रात 10:00 बजे से प्रारंभ होकर ग्रहण समाप्ति तक रहेगा।
 यह सूतक बालक वृद्ध और रोगियों के लिए नहीं होता है। अन्य धार्मिक स्वजनों को सूतक काल में भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए।
 सूतक और ग्रहण काल में अनावश्यक भोजन ,मूर्ति स्पर्श ,मैथुन ,नाखून काटना सोना आदि वर्जित है।
 21 जून को सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 3:00 बजे तक रहेगा यह ग्रहण चूड़ामणि ग्रहण होगा इस दिन रवि योग भी बनेगा।

 ग्रहण का देश पर प्रभाव-- दुनिया के प्रमुख देशों के बीच तनाव व वातावरण बनेगा ।
युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है अकाल की संभावना देश के कई क्षेत्रों में।

गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी------
 कम से कम भोजन खाएं जिससे कि ग्रहण के दौरान शौच आदि के लिए जाना न पड़े ।
ग्रहण काल में गले में तुलसी की माला धारण करें।
 ग्रहण काल के समय गर्भवती चाकू कैंची पेन पेंसिल जैसी नुकली चीजों का प्रयोग ना करें।
 ग्रहण काल के दौरान मोबाइल का उपयोग ना करें ।

क्या करें उपाय-----

गर्भवती ग्रहण काल में अपनी गोद में एक सूखा सूखा हुआ छोटा नारियल श्रीफल लेकर बैठे और ग्रहण पूर्ण होने पर उस नारियल को नदी अथवा अग्नि में समर्पित कर दें।
ॐ कार का दीर्घ उच्चारण करें।
 धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।

सभी के लिए उपाय---

यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र तथा आद्रा नक्षत्र एवं मिथुन राशि मे हो रहा है। जिससे कारण मिथुन राशि सबसे ज्यादा प्रभावित होगी।
अतः इस नक्षत्र व राशि के जातकों को आदित्य ह्रदय स्तोत्र, ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
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HINDU ASTHA

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