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अमृत सर्वार्थसिद्धि योग मे मनेगी पूर्णिमा -आचार्य अभिमन्यु पराशर


पौष माह की पूर्णिमा 12 जनवरी को मनायी जायेगी इस दिन अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इसे माह पूर्णिमा माना गया है। ज्योतिषियो के अनुसार इस दिन पुजन अनुष्ठान के साथ दान पुण्य करने से कई गुणा फल प्राप्त होगा। जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर पण्डित गोविन्दराम शर्मा, पण्डित इन्द्रजीत शर्मा आदि ने बताया कि  पूर्णमा को पवित्र नदी मे स्नान कर दान पुण्य करने का महत्व माना जाता है। पौष माह की पूर्णिमा को अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि जैसे अनुठे योग बनने से इसे महा पूर्णिमा माना जा रहा है। पूर्णमा को दिन गुरूवार होने से भगवान विष्णू की पूजा करना शुभ रहेगा। उस दिन चन्द्रमा स्व राशी कर्क मे विराजमान रहेगें। इससे लोगो का मन प्रफुल्लित रहेगा। विशेष तौर पर कारोबारियो का कारोबार अच्छा रहेगा।
पूजन अनुष्ठान के साथ दान पुण्य करने से मिलेगा कई गुणा फल
मकर संक्रान्ति 14 को 
पण्डित पाराशर ने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रान्ति 14 जनवरी को मनायी जावेगी। इस दिन तील व गुड से भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व रहता है। भगवान सुर्य इसी दिन धनु राशी से भ्रमण कर मकर राशी मे पहँुचते है। मकर संक्रान्ति के दिन तील व गुड खाने से और दान करने का भी महत्व है।
खर मास की समाप्ती, शुभ कार्य शुरू
मकर संक्रान्ती के दिन युर्य के राशी परिवर्तन करने के साथ ही खर मास की समाप्ती हो जायेगी। और अगले दिन ही मांगलिक कार्यो के आयोजन होने लगेगें। इस तरहं एक माह से बंद मांगलिक कार्यो की शुरूआत 15 जनवरी से हो जायेगी।
शुक्र पुष्य का संयोग
12 जनवरी को पूर्णिमा और 13 जनवरी को शुक्रवार पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। हालांकि कई पंचागों मे गुरू पुष्य का याेग बताया जा रहा है। लेकिन पुष्य नक्षत्र गुरूवार रात 1 बजे से शुरू होकर शुक्रवार रात्री 11 बजे तक रहेगा। इसके चलते शुक्र पुष्य का संयोग बन रहा है।

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