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आचार्य रणजीत स्वामी
1 वास्तु के अनुसार घर का पूर्वी भाग अन्य भागों से नीचा होना चाहिये, जिससे कि सूर्य की गर्मी, ऊर्जा और प्रकाश का पूरे घर को लाभ मिल सके।
2 घर के पूर्वी भाग को यथासंभव साफ और खाली रखें। साथ ही पूर्व की बाउंड्री वाल दक्षिण और पश्चिम भाग से नीची होनी चाहिए।
3 यदि घर का पूर्वी भाग ऊंचा हो, तो घर में दरिद्रता आती है तथा संतान अस्वस्थ हो जाती है।
4 पूर्वी दिशा में बने हुए मुख्य द्वार तथा अन्य द्वार भी सिर्फ पूर्वाभिमुखी हो तो शुभ परिणाम मिलते हैं।।
5 पूर्वी दिशा में कुंआ, बोरिंग, सैप्टिक टैंक, अंडर ग्राउंड टैंक, बैसमेंट का निर्माण करवाना चाहिए।
6 पूर्वमुखी घर अच्छे माने जाते है। ऐसे घर में रहने वाले धन-धान्य, प्रगति और ऐश्वर्य पाते है।
7 पूर्वाभिमुखी भवन में चारदीवारी ऊंचा नहीं होनी चाहिए एवं मुख्य द्वार सड़क से दिखना चाहिए।
8 दिशा दोष निवारणार्थ सूर्य यंत्र की स्थापना करे।
9 सूर्य को अर्ध्य दे एवम् सूर्य उपासना करे।
10 पूर्वी दरवाजे पर वास्तु मंगलकारी तोरण लगाये।
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