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संकलन - जगत जोशी
रावतसर:- कस्बे के मे यू ंतो कई देवी देवताओ के मन्दिर है राजस्थान के हनुमानगढ जिले के रावतसर तहसील मे मेगा हाईवे सरदारशहर रोड़ पर स्थित मंहत प्रेमनाथ जी महाराज का डेरा व शिव मन्दिर दूर दराज तक विख्यात है । वियाबान व बंजर जमीन मे वर्ष 1967 मे महंत प्रेमनाथ जी महाराज ने यहंा आ कर धूणे की स्थापना कर कस्बे व आसपास के क्षैत्रवासीयो का कल्याण करना शुरू किया । लगभग 16 बिघा व कुछ बिस्वा भूमी को दानदाताओ ने महंत प्रेमनाथ जी को दान मे दे दी थी। बाद मे धीरे धीरे अथक प्रयासो से इस जगह को साफ सुथरा कर वर्ष 1984 मे शिव मन्दिर की स्थापना की। शिव मन्दिर की स्थापना के बाद कस्बे वासीयो ने मन्दिर मे आ कर पुजा अर्चना आदि करना शुरू
कर दियां। वही वर्ष 87-88 मे शनि मन्दिर की स्थापना की गयी। वर्ष 1999 मे इस स्थान को शिव मन्दिर देवस्थान विभाग ट्रस्ट बनाया गया। मिलनसार व प्रेमभाव प्रवृति के महंत बाबा प्रेमनाथ जी महाराज के पास कस्बे व दूर दराज के लोग अपने कष्टो के निवारण के लिए आने लगे । वर्ष 1994 मे
महंत प्रेमनाथ जी महाराज ने महासंत सम्मेलन का आयोजन करवाया जिसमे कस्बा व आसपास के लोगो ने भरपूर सहयोग किया। इस महासंत सम्मेलन मे दूर दराज के संत महात्माओ ने पहुचकर भाग लिया। इसी दौरान मंहत प्रेमनाथ जी महाराज ने 32 मान का भण्डारे का आयोजन कर बाबा बालक नाथ जी को
गोद लेकर उतराधिकारी घोषित किया। वही महंत प्रेम नाथ जी महाराज ने लगभग 16 बिघा क्षैत्र मे फैले इस विशाल डेरे मे अनेकेा मन्दिरो की स्थापना की। जिसमे गोरखनाथ जी महाराज,जसनाथ जी महाराज, जम्भेश्वर महाराज, भीमलोचन ,रोकड़ी बालाजी के आदि के मन्दिरो का निर्माण कर मूर्ति स्थापना की गयी। वही हिग्लांज देवी के मन्दिर का निर्माण कर देवी की मूर्ति की स्थापना भी अपने करकमलो से की । देवी हिग्लांज का मन्दिर मे पूरे भारत मे तीन व राजस्थान मे दो ही स्थानो पर मोजूद है।
वही कच्ची तलाई से मानसरोवर की स्थापना भी की गयी। इस शिव मन्दिर डेरे मे आम , केला, जामून, अमरूद, अनार, इमली, आवंला, मौसमी, माल्टा, नीबूं, किनू, अंजीर, बादाम, पपीता, खजूर, खारक, गुलाब, श्यामल आदि के अनेको पेड़ पौधे लगे हुए है। 10 मई 2014 को डेरे की सेवा करते हुए महंत प्रेमनाथ जी महाराज देह त्याग कर देवलोका गमन कर गयें। महंत प्रेमनाथ जी महाराज के देवालोकगमन के बाद 25 दिन तक विशाल महाभण्डारे का आयोजन किया गया । जून 2014 मे महंत प्रेम नाथ जी महाराज की समाधी की नीवं की ईटं रखी गयी तथा वर्ष 2015 मे महंत प्रेमनाथ जी महाराज की मूर्ति की स्थापना शिव मन्दिर के पास ही समाधी स्थल पर कर भव्य मन्दिर का निर्माण किया गया। वही बाबा बालक नाथ जी महाराज ने वर्ष 2015 मे गणेश चतुर्थी के अवसर पर सपरिवार गणेश मन्दिर की स्थापना की गयी। मोजूदा समय मे बाबा बालक नाथ जी महाराज इस शिव मन्दिर ट्रस्ट को सम्भाल रहे है । आज भी दूर दराज से भक्तगण इस डेरे मे पहुच कर बाबा का आर्शिवाद प्राप्त कर रहे है। महंत प्रेमनाथ जी महाराज के बताये मार्ग के अनुसार बाबा बालक नाथ जी महाराज आने वाले भक्तो के कष्ट निवारण करने व प्रसाद रूपी आर्शिवाद दे रहे है। डेरे मे दूर दराज से आने वाले संत महात्माओ के आराम करने के लिए धर्मशाला व अनेको कमरे बनाये हुऐ है।
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