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संकलन - प्रदीप कुमार सैनी/लिखासिंह सैनी
दांतारामगढ़ (सीकर)- गोपाल गौशाला दांता की स्थापना गोपाष्टमी
के दिन सन् 1947 विक्रम सम्वत् 2004 में स्व. सेठ गंगाबक्स जैलिका
प्रवासी रांची (बिहार) के द्वारा अपना भवन दान करने पर हुई थी । स्थापना के
बाद सेठ भोलाराम रामेश्वरलाल प्रवासी धुलिया (महाराष्ट्र) ने अपना झाड़ली
तलाई स्थित मकान कुआं व 25 बीघा कच्ची जमीन गौशाला के लिए दान स्वरूप भेंट
की । इसके बाद गोशाला में चारागाह कृषि योग्य भूमि व गायों के पालन पोषण के
लिए स्थान यहां के त्यागी व दानी राजर्षि ठाकुर मदनसिंह दांता ने पाँच सौ
बीघा जमीन दान मे दी । जिसमे वर्तमान समय मे गौशाला है। इसके बाद दांता के
भामाशाहों द्वारा गौशाला में कई कार्य करवाये गए । गौशाला के विकास में
गुलाबदास स्वामी का महत्वपूर्ण योगदान रहा l इसके अलावा वैद्य रामेश्वरलाल,
हीरालाल पारीक, मांगीलाल माहेश्वरी, प्रभुदयाल शर्मा का उल्लेखनीय योगदान
रहा । इसके बाद किशनलाल डोलिया की ओर से विकास कार्य करवाये गए थे । 15 जुलाई सन् 1995 में क्षितिज कुमार द्वारा निर्मित राजस्थानी फिल्म राधू
की लक्ष्मी का मुहूर्त और फिल्म की शूटिंग होना गौशाला की लोकप्रियता है* l
इसके बाद भी क्षितिज कुमार ने राजस्थानी फिल्म बावलिया पंडित की शूटिंग भी
गौशाला में की थी। दांतारामगढ़ क्षेत्र में दांता गौशाला सबसे पुरानी व
सबसे बड़ी गौशाला है । एक समय गौशाला मे भयंकर आग लगने से हजारों रूपये का
मवेशियो का चारा जल गया था। वर्तमान मे गौशाला के मंत्री दांता सरपंच हरकचन्द झाझरी गौशाला के कार्य
देखते है । देश मे गौ माता पर हो रहे अत्याचार व हत्याओं पर प्रतिबंध
लगाने के लिए एंव गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए प्रयास करने
चाहिए ।
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