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संकट में काम आने वाला ही सच्चा मित्र-पं. शास्त्री

रिपोर्ट - पवन दाधीच 
सुदामा चरित्र की कथा सुनाई, भागवत कथा का समापन गुरुवार को 
खिरोड़ -खिरोड़ में बसावा रोड़ पर स्थित पुजारी भवन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव के दौरान कथा वाचक ने श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र की कथा सुनाई। व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथा वाचक पं. सांवरमल शास्त्री दांतरू वाले ने कहा कि संकट की घड़ी में काम आने वाली ही सच्चा मित्र कहलाता है। उन्होनें कथा महोत्सव के दौरान श्रीकृष्ण- सुदामा चरित्र की कथा को विस्तार पूर्वक समझाते हुए कहा कि संकट की घड़ी में साथ निभाने वाला ही सच्चा सखा माना जाता है और वही उसके काम आने वाला माना जाता है। पं. शास्त्री ने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी अपने मित्र सुदामा के साथ संकट की घड़ी में काम आए थे और सुदामा का साथ देकर सच्चे सखा कहलाए थे। उन्होंनें संगीतमय भजनों के माध्यम से भागवत कथा के अनेक प्रसंगों को विस्तार से समझाया। इससे पूर्व कथा महोत्सव के दौरान श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर श्रीकृष्ण- रूकमणी विवाह की झांकी भी सजाई गई। यजमान गजानंद पुजारी ने बताया कि भागवत कथा का समापन शुक्रवार को होगा। कथा स्थल पर मक्खनलाल शर्मा, सीताराम शर्मा, वासुदेव शर्मा, रामलाल शार्मा, कन्हैयालाल शर्मा, उमेश कुमार शर्मा, सांवरमल शर्मा, बनवारीलाल शर्मा, अरूण कुमार शर्मा, जगदीश प्रसाद भींचर, मनोहरलाल शर्मा आदि मौजूद थे।