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खबर - विकास डिडवानिया
नवलगढ़ । सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार शुक्रवार को देवोत्थान एकादशी के मौके पर नवलगढ़ कस्बे के विष्णु जी के मंदिरों में तुलसी विवाह कर भगवान विष्णु को जगाया गया और घरों में भी धूमधाम से तुलसी का विवाह सम्पन हुआ । सनातन धर्म ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार चार महीने पहले यानी आषाढ़ शुक्ल की देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु सोने के लिए चले जाते हैं और आज तक शयन में होते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य आमतौर पर सम्पन्न नहीं कराया जाता है। आचार्य रंजीत स्वामी ने बातचीत में बताया कि देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह के अवसर पर भगवान नींद से जागते हैं और इसी दिन से सभी प्रकार के शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं।
नवलगढ़ । सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार शुक्रवार को देवोत्थान एकादशी के मौके पर नवलगढ़ कस्बे के विष्णु जी के मंदिरों में तुलसी विवाह कर भगवान विष्णु को जगाया गया और घरों में भी धूमधाम से तुलसी का विवाह सम्पन हुआ । सनातन धर्म ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार चार महीने पहले यानी आषाढ़ शुक्ल की देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु सोने के लिए चले जाते हैं और आज तक शयन में होते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य आमतौर पर सम्पन्न नहीं कराया जाता है। आचार्य रंजीत स्वामी ने बातचीत में बताया कि देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह के अवसर पर भगवान नींद से जागते हैं और इसी दिन से सभी प्रकार के शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं।
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