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बीकानेर।  भंवर म्हाने पूजण द्यो गणगौर... इन दिनों कंवारी कन्याएं व शादीशुदा महिलाएं सुबह-सुबह मंदिरों तथा घरों  की दीवारों व चौकियों पर गणगौर पूजा करते हुए ऐसे पारंपरिक गीतों को गाकर अपनी श्रद्धा अर्पित कर रही हैं। सुयोग्य  वर की कामना और पति की दीर्घायु के लिए श्रद्धा से किए जाने वाले इस पूजन के चलते शहर भक्तिमय होने लगा है।  गली-मोहल्लों में गौर के गीत सुनाई दे रहे हैं।
धुलंडी से शुरू हुई गणगौर पूजा में गली-मोहल्ले की महिलाएं एवं युवतियां मंदिरों में पहुंच कर दूब, चांदी, कुंकुम, रोली व  मोली से गणगौर की पूजा कर रही हैं। गृहणी लता शर्मा ने बताया कि गणगौर की पूजा 16 दिन तक होती है। सात दिन  तक सुबह-सुबह पूजन किया जाता है, जबकि शीतलाष्टमी के बाद शाम को भी पूजा होगी तथा भोग लगाएंगे।
घर-घर बनोला
सातवें दिन से गणगौर की शाम तक होने वाली पूजा के साथ ही घर-घर बनोला भी दिया जाएगा। इसके तहत एक साथ  पूजा करने वाली सभी महिलाएं बनोला देने वाली महिला या युवती के घर जाकर प्रसाद ग्रहण करती हैं।
16वें दिन भोलावणी
गणगौर की पूजा के 16 वें दिन भोलावणी की रस्म निभाई जाएगी। इसके तहत जुलूस के रूप में जाकर गणगौर को ले  जाया जायेगा तथा पानी पिलाएंगे। इसी दिन अनेक महिलाएं उद्यापन करेगी।
गणगौर मेला आज से, कुंवारी कन्याओं, महिलाओं ने किया गवरजा, ईशर का पूजन
महिलाओं व कुंवारी कन्याओं का प्रमुख पर्व गणगौर की रौनक इन दिनों परवान पर है। महिलाएं अपने पति की लम्बी  आयु के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे घर और वर की कामना को पिछले पन्द्रह दिनों से गवर व ईशरजी का सुबह-शाम  पूजन कार्य कर रही है जो आज सुबह भी की गई। महिलाओं ने गवरजा व ईशरजी के खोल भराई की रस्म भी निभाई।  बागों में गीत गाती समूह में पहुंची महिलाओं ने सर पर कलश धारण किये थी जिनमें कुंओ का शुद्ध जल भरा था।  महिलाओं ने गवरजा व ईशरजी के गीत गाये और नृत्य प्रस्तुत किये।
गणगौर का मेला आज से
गणगौर का दो दिवसीय मेला रविवार से आरम्भ होगा। जिन घरों में गवर व ईशरजी का पूजन कार्य किया जा रहा है उन  घरों से रविवार शाम को गवर घरों से बाहर निकाली जाएगी। रात में महिलाओं द्वारा रतजगा किया जाएगा। इस अवसर  पर नृत्य व पारम्परिक गीतों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। बीकानेर गणगौर समारोह समिति की ओर से रविवार को जूनागढ़  किले से शाही गणगौर की सवारी पूरे लवाजमें के साथ निकाली जाएगी। शाही गवर चोतीना कुंआ पर आकर पानी पियेगी  और वापस जूनागढ़ लौटेगी। मुख्य मेला सोमवार को भरा जाएगा। शहर की सभी गणगौर  जूनागढ़ पहुंचेगी जहां पर  उनकी खोळ भराई की रस्म अदा होगी। इसके अलावा सोमवार की शाम को जूनागढ किले से शुरू होने वाली गणगौर दौड़  भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। इसके अलावा गंगाशहर, भीनासर, सुजानदेसर सहित आसपास के क्षेत्रों मे भी गणगौर का  मेला भरा जाएगा।  नत्थूसर बास के होलिका चौक में नव युवा जागृति सेवा समिति द्वारा  22 मार्च को शााम परम्परागत  विशाल मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सेवा समिति अध्यक्ष चॉदरतन सांखला ने बताया  कि इस विशाल कार्यक्रम में नत्थूसर बास, जवाहर नगर, मुरलीधर व्यास नगर, भाट्टों का बास एवं आसपास के सभी  मौहल्लों से गणगौर व ईशर एवं भाया सजधज कर पहुंचेगें। इस अवसर पर गणगौर का खोल भरा जाएगा एवं जो  गणगौर श्रंगार प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय आएगी उनको समिति द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा तथा  सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य एवं विभिन्न पोशाको में भाग लेने वाली बालिकाओं को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित  किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नारायण चौपड़ा, महापोर नगर निगम, एवं विशिष्ट अतिथि विजय आचार्य,  शहर जिलाध्यक्ष, भाजपा बीकानेर, निमित महेता, उखण्ड अधिकारी, किसन सांखला, अध्यक्ष बार ऐसोसियेशन बीकानेर,  होगे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक आचार्य, उपमहापोर, नगर निगम, बीकानेर करेगें।

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HINDU ASTHA

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