बीकानेर। पुष्करणा ब्राह्मण समाज के आठ फरवरी को होने वाले सामूहिक सावे को लेकर घर-घर में तैयारियां परवान पर है। जिन घरों में शादियां होने वाली है उनमें मांगलिक गीतों की गूंज के साथ मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत भगवान गणेश के पूजन के साथ हो चुकी है। सावे कार्यक्रमों की विधिवत शुरूआत हालांकि पांच फरवरी को व्यास जाति की कन्याओं के हाथधान की रस्म के साथ होगी मगर सावे से पूर्व होने वाले कार्यक्रमों के क्रम में खोळा भरने की रस्म एक फरवरी से शुरू हो जाएगी,जो छह फरवरी तक चलेगी।
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बीकानेर। पुष्करणा ब्राह्मण समाज के आठ फरवरी को होने वाले सामूहिक सावे को लेकर घर-घर में तैयारियां परवान पर  है। जिन घरों में शादियां होने वाली है उनमें मांगलिक गीतों की गूंज के साथ मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत भगवान  गणेश के पूजन के साथ हो चुकी है। सावे कार्यक्रमों की विधिवत शुरूआत हालांकि पांच फरवरी को व्यास जाति की  कन्याओं के हाथधान की रस्म के साथ होगी मगर सावे से पूर्व होने वाले कार्यक्रमों के क्रम में खोळा भरने की रस्म एक  फरवरी से शुरू हो जाएगी,जो छह फरवरी तक चलेगी। इस दौरान सुविधा  के अनुसार खोळा भरने के कार्यक्रम होंगे जिन  परिवारों में आठ फरवरी को विवाह  होने है उन घरों में खोळा भरने की तैयारियां शुरू हो चुकी है।  खाने के मैन्यू तैयार हो  चुके है, वही खोळा भरने की परम्परा के अनुसार पंचमेवा की खरीद चल रही है। सावे की परम्परा के अनुसार कन्या पक्ष  द्वारा वर का खोळा पंच मेवा से भरा जाता है। इसमें वर अपने घर-परिवार के सदस्यों के साथ अपने ससुराल जाता है।  जहा पंचमेवा के रूप में बादाम, काजू, किसमिस, अंजीर, मिश्री, नारियल गट से खोळा भरा जाता है। इस परम्परा को  लेकर शादियों वाले घरों में पंच मेवा की खरीद की जा रही है। बाजारों में पंचमेवा की दुकानों पर खरीद्दारों की भीड बढ  रही है। खोळा भरने के लिए पांच से ग्यारह किलोग्राम तक पंचमेवा की खरीद कर रहे है। इन मेवा को आकर्षक ढंग से  सजाकर भी रखा जा रहा है ताकि खोळा भरने के दौरान खूबसूरत लगे।   खोळा भरने की परम्परां के दौरान ही दो परिवारों  के आपसी प्रेम एवं घनिष्ठता के रूप में कन्या पक्ष द्वारा वर पक्ष के बडे -बुजुर्गो के चेहरों को कुमकुम से रंगकर चावल  लगानें की परम्परां के चलते चेहरों को इत्र,गुलाबजल,केवडा मिले कुमकुम से रंगने के लिए कन्या पक्ष के लोग आतुर है।  इस दौरान वर पक्ष के लोग प्रेम पूर्वक अपने चेहरों को रंगवाते है। कन्या पक्ष वाले वर पक्ष के लोगो के चेहरो को रंगने का  बेसब्री से इंतजार कर रहे है। इस परम्परा में पुरूष,पुरूषों को तथा महिलाएं ,महिलाओं के चेहरों को कुमकुम से रंगती है।
केशरियां वस्त्र, पंजा-गेडिय़ा तैयार
पुष्करणा सावा के दौरान विवाह बंधन में बंधने वाले वर-वधु के तीन दिवसीय हाथधान के दौरान जिन केशरिया वस्त्रों को वे  पहन कर रखेंगे वे तैयार हो चुके है। बन्ना-बन्नड़ी के लिए केशरिया चोला व केशरियां साडियों को चमकीली कनारो व  फूल-पत्तियों से  तैयार किए गए  है। परम्परानुसार हाथों में रखे जाने वाले  लोह से निर्मित गेडिया व पंजे भी तैयार हो  चुके है। हाथधान के बाद वर गेडिया व वधु पंजा रखती है। इनके साथ लाल रंग का कनार लगा बटुआ भी लगाया गया है  जिसमें बन्ना-बन्नडी सुपारी, खाटा, गोली,बिस्कुट रखते है व बांटते रहते हैं।
सजने लगे है घर-मोहल्लें
पुष्करणा सावे को लेकर अन्दरूनी शहर में घर मोहल्लें सजने शुरू हो गए हैं। जिन घरों व मोहल्लों में विवाह समारोह  है,  वहा रंग-बिरंगी रोशनियों के साथ चमकीली डोरियो व फर्रियो से घर मोहल्लो को सजाया जा रहा है। सजावट में  इलैक्ट्रिक सामानो का अधिक उपयोग किया जा रहा है। घर-घर में रंग-बिरंगे कागजो से बनी आकृतियों व सजावटी फूल  -पत्तियों से भी घर-आंगन सजाये जा रहे है। जिन घरों के आंगन में चंवरी होनी है वहा राधा-कृष्ण व शिव-पार्वती के चित्र  भी लगाए जा रहे है। पुष्करणा सावा जो सदैव शिव-पार्वती के नाम से ही निकाला जाता है।  
छात्राओं से पूछे सवाल और बांटे ईनाम
पुष्करणा सावा संस्कृति के बारे में युवाओं में रूचि बढ़े व जागृति आए, इसके लिए  सावा लाईव प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम की  शुरूआत शनिवार से बारह  गुवाड चौक से हुई । रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा  ने बताया कि पुष्करणा सावे के  दौरान  प्रश्नोत्तरी हर मोहल्ले व चौक में होगी।  प्रश्नोतरी  वैन  भाजपा युवा नेता विजय मोहन,कांग्रेस सेवादल के  राजकुमार किराड़ू, ईश्वर महाराज, मन्नू सूरदासाणी, समाजसेवी रतना महाराज, सत्यनारायण छंगाणी व दुर्गादास  छंगाणी ने रवाना किया।

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HINDU ASTHA

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