बाहरवां श्लोक Unknown at फ़रवरी 14, 2015 गीतासार श्लोक, Geeta saar shlok, Latest, . ( दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का कथन ) तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः । सिंहनादं विनद्योच्चैः शंख दध्मो प्रतापवान् ॥ भावार्थ : कौरवों में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह भीष्म ने उस दुर्योधन के हृदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से सिंह की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया॥12॥ Nextनई पोस्ट Previousपुरानी पोस्ट HINDU ASTHA हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है . गीतासार श्लोक Geeta saar shlok Latest
Post A Comment: