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‘‘ग्रामे-ग्रामे नगरे-नगरे रचयेम संस्कृत भवनम्’’
अजमेर । जयतु संस्कृत, जयतु भारतम् के उद्घोष के साथ सम्पूर्ण समाज में संस्कृत को जल-जन की वाणी बनाने के लिए कटिबद्धता प्रकट करते हुए एक दिवसीय ‘‘संस्कृत जनपद सम्मेलन’’ का आयोजन संस्कृत भारती के तत्वावधान में हुआ। संस्कृत जनपद सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि माननीय वासुदेव देवनानी, शिक्षा मंत्री, राजस्थान एवं अध्यक्ष कैलाश सौढ़ानी, म.द.स. वि.वि. अजमेर रहें। साथ ही हरिशेवा धाम, भीलवाड़ा के श्री हंसराम जी महाराज एवं ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजयनगर के महन्त श्री स्वरूपदास जी महाराज के आशीर्वचन प्राप्त हुआ। उद्घाटन सत्र में संस्कृत वस्तु प्रदर्शनी, राजस्थान गौरव प्रदर्शनी एवं संवादशाला का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि श्री देवनानी ने संस्कृत को जन भाषा बनाने के लिए अपनी कटिबद्धता दिखाई। वहीं अध्यक्ष श्री सौदानी ने संस्कृत भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस सत्र में पत्राचार द्वारा संस्कृत पाठयक्रम का शुभारम्भ माननीय मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री देवनानी जी, म.द.स.वि.वि. अजमेर के कुलपति श्री सोढ़ानी जी एवं श्री हंसाराम जी महाराज ने पाठयक्रम में प्रवेश लिया। मध्याहन सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके अध्यक्ष प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. बद्रीप्रसाद पंचौली रहें साथ ही नृसिंह मंदिर, होलीदड़ा, अजमेर के महन्त श्री श्याम सुन्दर शरण देवाचार्य ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। विचार गोष्ठी सत्र में संस्कृत सभी के लिए विषय पर श्रोताओं से विचार विमर्श हुआ। शिक्षक वर्ग एवं विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार के निमित अपने विचार एवं सुझाव प्रदान किए।
अपराहन सत्र में संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ. बृजेश माथुर से.नि. अधिक्षक ज.ला.ने. चिकित्सालय अजमेर एवं आशीर्वचन श्री पाठक जी महाराज चित्रकूट धाम पुष्कर ने प्रदान किए। इसके अन्तर्गत विभिन्न विद्यालयों (डेमोस्ट्रेशन स्कूल, मयूर स्कूल, संस्कृति द स्कूल आदि) तथा सप्तंक तानसेन संगीत महाविद्यालय आदि संस्थाओं द्वारा अपनी संस्कृत नाट्य, संस्कृत गीत, श्लोक पाठ आदि का प्रस्तुतिकरण किया गया।
अन्तिम सत्र समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्री नन्द कुमार जी राष्ट्रीय महासचिव संस्कृत भारती एवं अध्यक्ष पुरूषोत्तम परांजये, क्षेत्रीय संघचालक राजस्थान राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ रहे। विशिष्ट अतिथि श्री रासासिंह राव पूर्व सांसद अजमेर रहे।
कार्यक्रम में कृष्ण कुमार गौड़ (अध्यक्ष संस्कृत भारती) हुलाक चन्द जी (क्षेत्रीय संघटन मंत्री, संस्कृत भारती), श्री देवेन्द्र पण्ड्या (प्रान्त संगठन मंत्री, चित्तौड़ प्रान्त), श्री राजेन्द्र शर्मा (प्रान्त मंत्री चित्तौड़ प्रान्त), श्री विष्णुशरण शर्मा आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त संस्कृत विद्वान श्री सत्यनारायण शास्त्री का सम्मान किया गया।
अजमेर । जयतु संस्कृत, जयतु भारतम् के उद्घोष के साथ सम्पूर्ण समाज में संस्कृत को जल-जन की वाणी बनाने के लिए कटिबद्धता प्रकट करते हुए एक दिवसीय ‘‘संस्कृत जनपद सम्मेलन’’ का आयोजन संस्कृत भारती के तत्वावधान में हुआ। संस्कृत जनपद सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि माननीय वासुदेव देवनानी, शिक्षा मंत्री, राजस्थान एवं अध्यक्ष कैलाश सौढ़ानी, म.द.स. वि.वि. अजमेर रहें। साथ ही हरिशेवा धाम, भीलवाड़ा के श्री हंसराम जी महाराज एवं ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजयनगर के महन्त श्री स्वरूपदास जी महाराज के आशीर्वचन प्राप्त हुआ। उद्घाटन सत्र में संस्कृत वस्तु प्रदर्शनी, राजस्थान गौरव प्रदर्शनी एवं संवादशाला का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि श्री देवनानी ने संस्कृत को जन भाषा बनाने के लिए अपनी कटिबद्धता दिखाई। वहीं अध्यक्ष श्री सौदानी ने संस्कृत भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस सत्र में पत्राचार द्वारा संस्कृत पाठयक्रम का शुभारम्भ माननीय मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री देवनानी जी, म.द.स.वि.वि. अजमेर के कुलपति श्री सोढ़ानी जी एवं श्री हंसाराम जी महाराज ने पाठयक्रम में प्रवेश लिया। मध्याहन सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके अध्यक्ष प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. बद्रीप्रसाद पंचौली रहें साथ ही नृसिंह मंदिर, होलीदड़ा, अजमेर के महन्त श्री श्याम सुन्दर शरण देवाचार्य ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। विचार गोष्ठी सत्र में संस्कृत सभी के लिए विषय पर श्रोताओं से विचार विमर्श हुआ। शिक्षक वर्ग एवं विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार के निमित अपने विचार एवं सुझाव प्रदान किए।
अपराहन सत्र में संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ. बृजेश माथुर से.नि. अधिक्षक ज.ला.ने. चिकित्सालय अजमेर एवं आशीर्वचन श्री पाठक जी महाराज चित्रकूट धाम पुष्कर ने प्रदान किए। इसके अन्तर्गत विभिन्न विद्यालयों (डेमोस्ट्रेशन स्कूल, मयूर स्कूल, संस्कृति द स्कूल आदि) तथा सप्तंक तानसेन संगीत महाविद्यालय आदि संस्थाओं द्वारा अपनी संस्कृत नाट्य, संस्कृत गीत, श्लोक पाठ आदि का प्रस्तुतिकरण किया गया।
अन्तिम सत्र समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्री नन्द कुमार जी राष्ट्रीय महासचिव संस्कृत भारती एवं अध्यक्ष पुरूषोत्तम परांजये, क्षेत्रीय संघचालक राजस्थान राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ रहे। विशिष्ट अतिथि श्री रासासिंह राव पूर्व सांसद अजमेर रहे।
कार्यक्रम में कृष्ण कुमार गौड़ (अध्यक्ष संस्कृत भारती) हुलाक चन्द जी (क्षेत्रीय संघटन मंत्री, संस्कृत भारती), श्री देवेन्द्र पण्ड्या (प्रान्त संगठन मंत्री, चित्तौड़ प्रान्त), श्री राजेन्द्र शर्मा (प्रान्त मंत्री चित्तौड़ प्रान्त), श्री विष्णुशरण शर्मा आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त संस्कृत विद्वान श्री सत्यनारायण शास्त्री का सम्मान किया गया।
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