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प्रेम ही ईश्वर है-संत रामदुलारे दास जी महाराज


    जयपुर। महावीर नगर के हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन शुक्रवार को कथा प्रसंग के तहत महाराज श्री ने महारास, कंश वध व रूकमणी विवाह की कथा प्रसंग पर प्रवचन किया। कथा प्रसंग के दौरान महाराज श्री भजनेां के द्वारा खूब भक्ति रस बरसाया। इस अवसर पर कथावाचक श्रीश्री 1008 श्री रामदुलारे दास जी महाराज (बंशीवाले) ने कहा कि भक्ति हमेशा दृढ़तापूर्वक करनी चाहिए जैसी भक्ति गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति की थी। प्रेम ही ईश्वर है जिस व्यक्ति के अंदर निरन्तर प्रेम का भाव चल रहा है वो व्यक्ति इसी मंदिर में ईश्वर की पूजा करने वाले पुजारी से कम नहीं है। उन्होनंे आगे कहा कि हम सभी को अपने जीवन में ईश्वर के प्रति प्रेमपूर्वक सच्ची भक्ति करनी चाहिए। सच्ची भक्ति हमेशा कारगर होती है। महाराज श्री ने आज महारास प्रसंग मथुरा गमन, रूकमणी विवाह सहित अन्य कथा प्रसंगों पर वर्णन किया।
कार्यक्रम के प्रवक्ता संजय अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को सुदामा चरित्र, शुकदेव की कथा प्रसंग सहित अन्य प्रसंगों पर दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक प्रवचन करेगें।