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 बीकानेर ।  हे चौथमाता मेरा सुहाग अमर रहे, मेरी मांग हमेशा सजी रहे मेरी कलाइयों में उनके नाम की  चुडिय़ां खनकती रहे। मुझ पर कृपा करना चौथमाता..। कुछ ऐसी ही भावना के साथ सुहागिन महिलाओं ने  करवा चौथ की कथा सुनी। मेहंदी लगे हाथों में चीनी के करवे लेकर महिलाओं ने भक्तिभाव से चौथमाता का  पूजन कर व्रत प्रारंभ किया। लक्ष्मीनाथ मंदिर में सवेरे से भीड़ रही। रात को चंद्रोदय होने पर अपने पति के  हाथों से पानी पीकर चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोला। उद्यापन करने वाली महिलाएं 14 करवे दान भी किए।  करवा चौथ का व्रत केवल सुहागिन महिलाओं ने ही नहीं बल्कि सगाई हो चुकी कन्याओं ने भी व्रत रखा  है।करवा चौथ का व्रत केवल सुहागिन महिलाओं ने ही नहीं कुंवारी युवतियों खासकर जिनकी सगाई हो चुकी  है ने भी रखा है। जिस पति महाशय के लिए पत्नियां व्रत रखे हुए हैं वे भी अपनी प्रियतम को चांद दिखने के  बाद पसंदीदा उपहार दिया। लिहाजा ज्वैलरी शोरूम में एक से बढ़कर एक गिफ्ट सज गए हैं। नई स्कीम भी  लांच की गई है। कोई अपने चांद को हार देगा तो कोई अंगूठी। इसके अलावा भी गिफ्ट की लंबी लिस्ट है।  कुछ पतिदेव या मंगेतर भी करवा चौथ का व्रत रखे हुए हैं। उनका कहना है कि अगर वह उसके लिए भूखी हर  सकती है तो वे क्यों नहीं, आखिर प्रेम तो उनको भी है।
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HINDU ASTHA

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