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जयपुर। विद्याधर नगर स्थित माहेश्वरी भवन में चल रहे श्रीमद् भागवत रस रहस्य के छठवें दिन रविवार को स्वामी प्रियाशरणजी महाराज के सानिध्य में नन्दोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नन्द के आनन्द भयो...., यशोदा जायो ललना..., नन्द के घर बज रही ......, जैसे बधाई गीतों के बीच श्रद्धालुओं ने खिलौने, मेवे, फल आदि की जमकर उछाल लूटी। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित श्रद्धालुओं भक्ति और उल्लास के साथ नन्दोत्सव की खुशियां मनाता नजर आया। इस अवसर पर प्रियाशरण जी महाराज ने कहा कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ता है तब-तब अवतारी पुरूषों का जन्म होता है। कृष्ण जन्म से पूर्व महाराज श्री ने उन्होंने आगे कहा कि राम की मर्यादा को समझे बिना श्रीकृष्ण की लीलाएं समण् स्े परे है। श्रीकृष्ण की लीला सुनने से पहले श्रीराम कथा की मर्यादा जीवन में आनी चाहिए। बिना मानवीय मर्यादा के भगवान के चरित्र इंसान की समझ में नहीं आते। उन्होंने आगे कहा कि कृष्ण एकमात्र अद्धत अवतार है जिन्होंने भक्ति को विस्तार रूप् दिया है। कृष्ण की शैली को सीखने की जरूरत है। घर मं विरोध होने के बावजूद भी हम सभी को प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य संरक्षक ओमप्रकाश मोदी व श्री राधा गोविन्द सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी दास शर्मा केसोट व अन्य पदाधिकारियेां ने खिलौने, मेवे व फल की उछाल नन्द के आनन्द भयो.. जैसे बधाई गीतों पर लुटाई। उन्होंने बताया कि छप्पन भोग, 16 को महारास, 17 को रूक्मिणी विवाह, 18 को सुदामा चरित्र व श्री शुकदेव की विदाई के साथ होली महोत्सव मनेगा। कथा रोजाना दोपहर 2 बजे से शाम  6 बजे तक होगी।
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HINDU ASTHA

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