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बीकानेर ।  राष्ट्रीय गाय आंदोलन द्वारा गौ महोत्सव के तीसरे दिन वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने शुक्रवार को बैल गाडियों की रैली को वेटरनरी विश्वविद्यालय परिसर से झंडी दिखाकर रवाना किया। इस बैलगाडी रैली में करीब 50 बैल पालकों ने भाग लिया जो शहर के मार्गों से होकर समारोह स्थल माखन भोग उत्सव कुंज, पूगल रोड़ तक पहँुची। रैली की रवानगी के समय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. बी.के. बेनीवाल, कुलसचिव प्रो. राकेश राव, वित्तनियंत्रक वाई.के. सिंह सहित फैकल्टी सदस्य और प्राध्यापकगण और छात्र बडी संख्या में मौजूद थे। इस बैलगाडी रैली के नजारे को लोगों ने बड़े ही कौतूहल से निहारा। वेटरनरी विश्वविद्यालय के चिकित्सा विशेषज्ञों के दल में प्रो. टी.के. गहलोत, प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. जे.एस. मेहता ने रैली में भाग लेने पहुँचे बैलों की स्वस्थता की जांच की। स्वस्थ बैल पालकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गहलोत ने कहा कि राज्य की देशी गौवंश नस्लों के संवद्र्धन और संरक्षण में बैलों का विशेष महत्व है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बैलों की उपयोगिता सर्व विदित है और शहरों में भी यह मालवाहक व लोगों की रोजी-रोटी का जरिया बना हुआ है।  इसमें गौवंश की विभिन्न  नस्लों के  45 बैल सजधज कर गाडिय़ों सहित शामिल हुए जिन पर केसरिया  ध्वज लगाये गये।  गौ महोत्सव के संयोजक सूरजमालसिंह नीमराना ने बताया  कि लोगों में देशी उत्पादन के प्रति जागृति पैदा हो और गाय के महत्व को  समझा जा सके इसलिए बैलगाडिय़ों पर गाय से उत्पन्न होने वाले उत्पादों घी,  दूध,दही व छाछ के महत्व दर्शाने वाले बैनर लगाये गये। साथ ही सेवण घास,  खेजड़ी वृक्ष और ग्वार, तारामीरा, मतीरा व अन्य देशी उत्पादों की प्रदर्शनी  सजाई गई है  यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए माखन भोग उत्सव कुंज पहुंची  जहां सर्वश्रेष्ठ बैलों की घोषणा कर उनके पालकों का सम्मान किया गया।  दोपहर दो बजे गौ क्रांति मंच के संस्थापक गौपालमणि महाराज ने गौकथा का  वाचन किया जिसमें बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी महिलाओं व पुरुषों ने भाग लिया। 
पशुपालन प्रदर्शनी शुरू
राजस्थान वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा माखन भोग  (पूगल रोड़) में आयोजित गौ महोत्सव में पशु पालन पर सात दिवसीय प्रदर्शनी  लगाई गई है। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. सी.के. मुरडिय़ा ने बताया कि इस  प्रदर्शनी में राज्य की देशी गौवंश नस्ल संवद्र्धन कार्यों और उनके महत्व पर  चार्टस, मॉडल द्वारा उपयोगी जानकारी दी जा रही है। हाइड्रोपोनिक्स मशीन  द्वारा बिना मिट्टी और जमीन के उगाई गई हरे चारे को भी प्रदर्शित किया जा रहा  है। साइलेज द्वारा चारे का संरक्षण, पोषण युक्त चारे को ईंट के रूप में भंडारण  सहित पशुओं से सम्बद्ध परियोजनाओं और कार्यों का दिग्दर्शन भी करवाया जा  रहा है। प्रदर्शनी स्टॉल में पशुपालकों को उपयोगी तकनीकी जानकारी और  साहित्य का भी वितरण किया जा रहा है। प्रदर्शनी आमजन के अवलोकन के  लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक प्रतिदिन खुली रहेगी। इसका समापन  12 अगस्त को होगा। 





 प्रभा बिस्सा
  बीकानेर
 
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HINDU ASTHA

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