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भीलवाड़ा। संस्कृत भारती के तत्वावधान में हरिषेवा संस्कृत षिक्षण प्रषिक्षण विद्यालय में आयोजित संस्कृत सप्ताह का समापन हुआ।समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी जगदीष पुरी ने कहा कि संस्कृत हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। संस्कृत हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। संस्कृत संस्कारों की भाषा है और संस्कारों से ही मानव के नैतिक मूल्यों का विकास होता है। जो हमें जीवन जीना सिखाता है। विषिष्ट अतिथि जिला षिक्षा अधिकारी जीवराज जाट ने कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति का आधार है। समापन समारोह के मुख्य वक्ता संस्कृति भारती के प्रांत संगठन मंत्री देवेन्द्र पंड्या ने राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता के लिए संस्कृत को उपयुक्त बताया।संस्कृत सप्ताह के दोरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संत मायाराम, जिला साक्षरता अधिकारी, अषोक श्रोत्रिय, कृष्णा चितौडा, प्राचार्य रमेषचन्द्र श्रोत्रिय आदि उपस्थित थे।
पंकज पोरवाल
भीलवाड़ा
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