तर्ज( एक तेरा साथ)
कीत्र्तन की है रात, बाबा आज थान आणो है,
थान कौल निभानो है। ।। टेर ।।
दरबार साँवरिया, ऐसा सज्यो प्यारो, दयालु आपको,
सेवा में साँवरिया, सगला खड्या डीक, हुक्म बस आपको,
सेवा में थारी-2, म्हान आज बिछ जाणो है,
थान कौल निभानो है...........।। 1 ।।
कीत्र्तन की है त्यारी, कीत्र्तन करा जमकर, प्रभू क्यूं देर करो,
वादो थारो दाता, कीत्र्तन में आण को, धणी क्यूं देर करो,
भजना सूं थान-2, म्हान आज रिझाणो है,
थान कौल निभानो है...........।। 2 ।।
जो कुछ बण्यो म्हांसू, अर्पण प्रभू सारो, प्रभू स्वीकार करो,
नादान सूँ गलती, होती ही आई है, प्रभू मत ध्यान धरो,
‘नन्दू’ साँवरिया-2, थारो दास पुराणो है,
थान कौल निभानो है...........।। 3 ।।
कीत्र्तन की है रात, बाबा आज थान आणो है,
थान कौल निभानो है। ।। टेर ।।
दरबार साँवरिया, ऐसा सज्यो प्यारो, दयालु आपको,
सेवा में साँवरिया, सगला खड्या डीक, हुक्म बस आपको,
सेवा में थारी-2, म्हान आज बिछ जाणो है,
थान कौल निभानो है...........।। 1 ।।
कीत्र्तन की है त्यारी, कीत्र्तन करा जमकर, प्रभू क्यूं देर करो,
वादो थारो दाता, कीत्र्तन में आण को, धणी क्यूं देर करो,
भजना सूं थान-2, म्हान आज रिझाणो है,
थान कौल निभानो है...........।। 2 ।।
जो कुछ बण्यो म्हांसू, अर्पण प्रभू सारो, प्रभू स्वीकार करो,
नादान सूँ गलती, होती ही आई है, प्रभू मत ध्यान धरो,
‘नन्दू’ साँवरिया-2, थारो दास पुराणो है,
थान कौल निभानो है...........।। 3 ।।